मंगलवार, 23 मई 2017

सफलता : हत्या के मामले का खुलासा, 3 आरोपी गिरफ्तार


सूरजपुर। गत् 17 मई को ग्राम कुम्पा निवासी जगमोहन सिंह ने थाना ओड़गी में सूचना दी कि इसके घर के पास स्थित कुआं में एक महिला मृत अवस्था में पड़ी हुई है। सूचना पर थाना ओड़गी में मर्ग क्रमांक 6/17 कायम कर पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंचकर कुआं से महिला की लाश निकलवाये जाने पर उसकी शिनान ख्त ग्राम कुप्पा निवासी 60 वर्षीय मुनिया सिंह पति बलसाय के रूप में हुई। महिला की लाश निकालने पर उसके उसकी साड़ी में पत्थर बंधा हुआ मिला जो मामला प्रथम दृष्टया हत्या का होना प्रतीत होने पर थाना ओड़गी में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 29/17 धारा 302, 201 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं इसकी जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर आर.पी.साय को दी गई जिनके द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस.आर.भगत एवं एसडीओपी ओड़गी जे.एल.लकड़ा के नेतृत्व में थाना प्रभारी ओड़गी को गंभीरता पूर्वक मामले की जांच कर आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिये। 
जांच के दौराथाना प्रभारी ओड़गी अजरूद्दीन को जानकारी मिली कि मृतका मुनिया सिंह का जमीन संबंधी विवाद उसके देवर बैजनाथ सिंह एवं उसका लड़का भुनेश्वर सिंह से चल रहा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। पूछताछ के दौरान भुनेश्वर सिंह ने बताया कि दिनांक 14/05/17 के रात्रि करीब 11 बजे वह अपने दोस्त धनन्जय सिंह, प्रताप सिंह एवं बालम सिंह के साथ मिलकर मुनिया के घर जाकर मुनिया का गला दबाकर हत्या कर दिये और शव को छुपाने के नियत से मुनिया के साड़ी में पत्थर बांधकर कुआं में डाल दिये ताकि शव ऊपर न आ सके। तीनों आरोपियों के विरूद्व हत्या करने का अपराध सबूत पाये जाने पर ग्राम कुम्पा निवासी 30 वर्षीय भुनेश्वर सिंह पिता बैजनाथ, 19 वर्षीय धनन्जय सिंह पिता रामाधीन एवं 25 वर्षीय प्रताप सिंह पिता दखल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें न्यायालय में पेश किया जायेगा। वहीं इस मामले के चौथे आरोपी बालम सिंह पिता देवराम फरार है जिसकी पतासाजी पुलिस टीम के द्वारा की जा रही है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी ओड़गी अजरूद्दीन, एएसआई क्लेमेंट तिर्की, प्रधान आरक्षक लवकुष राजवाड़े, बहादूर सिंह, आरक्षक राजीव तिवारी, खेलसाय राजवाड़े, जगमोहन बेक एवं संतोष कंवर, नगर सैनिक रमेश सारथी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।